Sunday, October 29, 2017

मैं और मेरा साहस



मैं और मेरा साहस


     मैं और मेरा साहस बहुत ही दिलचस्प शीर्षक है। साहस के बल पर ही एक व्यक्ती कठिन से कठिन कार्य भी कर लेता है। साहस के बिना यह असंभव है। साहस ही है जो व्यक्ति को प्रेरित करता है बल देता है। एक विद्यार्थी को उसका साहस ही उसकी शिक्षा के लिए उसके उद्देश्य के लिए आगे बढ़ाता है। साहस के बल पर ही सेल्समैन अपना टारगेट अचीव कर पाता है। एक किसान- उसका साहस ही है जो इतनी गर्मी धूप बारिश में भी अपना कार्य कर पाता है बिना थके बिना रुके साहस के बल पर वह सब कुछ कर गुजरता है। एक मजदूर भी साहस के बल पर कठिन से कठिन कार्य कर गुजरता है। एक बिजनेसमैन भी अपने साहस के बल पर अपने बिजनेस को आगे बढ़ाता है बहुत सारी कठिनाइयां आती हैं फिर भी अपने बिजनेस को चलाता है।
 
     एक लेखक भी साहस के बल पर अपनी कलम की ताकत से लिखता है उसका साहस ही उसे लिखने के लिए प्रेरित करता है। विभिन्न मुद्दों पर लिखना जैसे -
रोजगार को लेकर शिक्षा को लेकर सबसे कठिन कार्य राजनीतिक मुद्दों पर लिखना उस का साहस ही होता है जो किसी भी सत्तारूढ़ पार्टी, पक्ष विपक्ष सभी के लिए लिखता है। उनकी अच्छाइयों का वर्णन करता है, और उनकी कमियों को जनता के सामने उजागर करता है एक लेखक का साहस ही है जो उसे शक्तिशाली राजनीति में निपुण नेताओं के विरुद्ध लिखने का साहस देता है।
 
     एक खिलाड़ी भी छोटे से छोटा खिलाड़ी विश्व स्तरीय खिलाड़ी भी अपने साहस के बल पर अपने खेल को खेल पाता है और बुलंदियों तक पहुंच पाता है ऐसा साहस के बल पर ही हो पाता है।
 
     साहस ही हर व्यक्ति विशेष को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है मेरा यह लेख युवा वर्ग विद्यार्थियों के लिए समर्पित है। उनके जीवन के उद्देश्य में साहस का कार्य करेगा साहस ही शक्ति है साहस के बिना एक विद्यार्थी अपनी परीक्षा में विफल होता है एक बिजनेसमैन अपने बिजनेस में विफल होता है एक मजदूर अपनी मजदूरी नहीं कर पाता है साहसी ऐसी चीज है जिसके बल पर हम सभी अपनी अपनी जिम्मेदारियों को अपने उद्देश्यों को अपने मिशन को पूरा कर सकते हैं।

 
     साहस ही सफलता की कुंजी है
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      सोमवीर सिंह